Sunday, 6 September 2015

जो आप आज कर सकते है उसे कल पर न टाले

आलस्य की भावना हम मे से बहुतो पर हावी हो जाती है ..हम काम को दिनों पर टालते रहते है फिर दिन महीनो मे बदल जाते है .
और फिर हमारे विचारों की वर्षगाँठ आ जाती है हम कही नहीं पहुचते वही के वही होते है बस विचारों की यात्रा शुरू होकर साल ब साल बढती रहती है ...क्यों क्यूंकि हम अपने कामो को टालते रहते है .

अपने  मित्रों से पूछिए अब तक सबसे अधिक मेहनत बचाने वाली किस चीज का अविष्कार हुआ है तो आपको अलग अलग जवाब मिलेंगे पुरुष कह सकते है की मोबाइल कंप्यूटर या रोबोट और महिलाओं का मानना हो सकता है की वाशिंग मशीन या डिश वाशर .
लेकिन इनमे से जवाब एक भी नहीं है आपको पता है सही जवाब है एक शब्द " कल " जो सबसे अधिक मेहनत बचाता है .
यह शब्द चीजों को टालने का एक बढ़िया बहाना है और यह काम न करने का भी बहाना है .
और दुर्भाग्यवश यह उन विफलताओ का कारण भी है ,जिन्होंने कई लोगो की जिन्दगी नष्ट की है जो अपनी क्षमता का पूरा लाभ उठाने मे सफल नहीं हो सके .

हम  कई ऐसे लोगो को जानते है  जिनके पास बहुत अच्छी योजनाये थी ..लेकिन उन्होंने उन्हें कार्यान्वित ही नहीं किया और फिर कोई और श्रेय ले गया .
जेसे कुछ समय पहले मै एक प्रतिभा शाली स्टैंडअप कॉमेडियन से मिला जिसने एक कॉमेडी टेलिविजन के लिए एक अच्छी चीज सोची लेकिन छह महीनो तक उन्होंने उस पर कोई विचार नहीं किया तो किसी और ने उसके बारे मे लिखा और चेनल को पेश किया और अब वह एक टॉप रेंकिंग वाला शो है .
जो आलस्य कर गया अब वो पछता रहा है .

यदि हम स्तिथि का विश्लेषण करे ,तो हमारे आने वाले कल के साथ समस्या एक विचार और उसके कार्यान्वन के बीच की खाई है .
हम मे से कई इस खाई मे गिरे है और सबक सीखते है अफ़सोस की बात यह है की कुछ लोग तो तब भी नहीं सीखते है .

यह  समस्या खास कर युवा लोगो मे है ,जिन्हें किसी बात की फिक्र नहीं होती और वे ये मानते है की समय पर काम करने की उम्मीद कर के उनके माता पिता उनके साथ अनुचित कर रहे है .
जब वे नौकरी शुरू करते है तब जाकर वे इस समस्या से बाहर निकल पाते है ,क्यूंकि किसी भी ऑफिस मे काम मे विलंम्ब को एक सीमा तक ही बर्दाश्त किया जाता है .
अगर वे  अपनी इस आदत को जारी रखते है तो नौकरी जाने मे समय नहीं लगता .

मेरा वास्ता कुछ ऐसे लोगो से भी पड़ा है जो अधिकतर यात्राओ मे रहते है अपने काम की वजह से और उन यात्राओं के कारण वो अक्सर सर्दी जुकाम ,वायरल  बुखार और खराब गले से पीड़ित रहते है फिर भी वो खुद को प्रेरित करते रहते है हर बार समय पर अपने गंतव्य स्थान पर पहुच जाते है .
मेने देखा है वो कभी बहाने नहीं बनाते है और अपने वादों को निभाते है जिस से मुझे भी कई बार हैरत हुई और ऐसा करने वाले कितने ही लोग है और इसी वजह से आज वो सफलता के मुकाम पर है .

इसलिए अपने वादों को गंभीरता से ले ,टाल-मटोल ना करे .
हर रात अपनी समीक्षा करे और यह विश्लेषण करे की क्या दिन मे बिताया गया समय आप और अधिक उपयोगी ढंग से बिता सकते थे ..?
और अंत मे अपने साथ सख्ती से पेश आये क्यूंकि इस अभ्यास से सबसे अधिक लाभ आपको ही होगा  :)

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