खुद को शेर बनाओ यार सियार नहीं ...ईश्वर ने हमें शेर के रूप मे पैदा किया है.
शेर का पथ स्वाभिमान ,स्वावलम्बन, और शक्ति का पथ है ..शेर जो भी करता है पुरे उत्साह और शक्ति के साथ करता है .
वही सियार के पास चालाकी और चापलूसी की जीवन शेली है जो जीवन को पतन की तरफ ही ले जाती है .
हमारे देश का नाम भारत इसलिए ही है की यहाँ के सपूत शेरनी का भी दूध दुह लाते थे .
शेरावाली की पूजा हमारे भीतर के सिंह्तव को जगाती है ...महावीर स्वामी तो जन्म से ही अपने पांवो मे शेर का लक्षण लेकर जन्मे थे और देखो उन्होंने जिया भी उस जीवन को .
चौमुखा शेर सम्पूर्ण भारत के शौर्य का प्रतिक है .
अरे यार खुद पर गर्व करो की हम लोगो शेरो की संतान है और स्वयं को इस काबिल बनाओ की आपकी आने वाली पीढियों को भी आप पर ऐसे ही गर्व हो और वो भी यही कहे की वो भी शेरो की संताने है .
दुनिया मे बातो से कोई शेर नहीं बनता ..शेर होने के लिए हमें अपने मन आत्मा -विचार और पुरुषार्थ को शेरे दिल बनाना होगा .
ह्रदय की तुच्छ कमजोरी का त्याग करो जो मन मे सोचे बेठे हो की आप कमजोर हो.
जीवन के हर कदम पर विश्वाश रखो की ईश्वर आपके साथ है .
हर सुबह योग,व्यायाम.प्राणायाम,ध्यान करो ..योग और व्यायाम से शरीर मजबूत और निरोगी होगा .
प्राणायाम से जीवन शक्ति पुष्ट होगी .
ध्यान से एकाग्रता और मानसिक शक्ति का विकास होगा .
हम अपनी आंतरिक और अध्यात्मिक शक्ति को बढाकर अनायास ही अपने सिंह्तव को प्राप्त कर लेंगे.
शेर दिल लोग कभी कर्तव्य विमुख नहीं होते ..वे जहां अपने धर्म ईमान पर अडिग रहते है ,वही समाज देश और दुनिया के लिए अपने मानवीय कर्तव्यों को ईश्वर की पूजा समजकर संपादित करते है .
अगर आप भी ऐसा करते है या करेंगे तो निश्चय ही शेरो की संतान है .
हमें अपनी शिक्षा पर पूरा जोर देना है ..अच्छी शिक्षा हमारे लिए विकास के रास्ते खोलेगी.
कम शिक्षित होने पर भी किसी का अंबानी, बिल गेट्स और बिरला हो जाना शिक्षित लोगो के सहयोग से ही संभव हो पाता है .
बाकी रविन्द्रनाथ टेगोर और अब्दुल कलाम की ऊंचाईयां तो बेहतर शिक्षा से ही संभव होती है .
इसलिए हमेशा जितना हो सके अच्छी और बेहतरीन शिक्षा पाने का प्रयत्न करे जीवन के हर मोड पर कुछ ना कुछ सिखने की इच्छा बनाये रखो तो आपका जीवन स्वयं बेहतर की तरफ हो जाएगा ..:)
शेर का पथ स्वाभिमान ,स्वावलम्बन, और शक्ति का पथ है ..शेर जो भी करता है पुरे उत्साह और शक्ति के साथ करता है .
वही सियार के पास चालाकी और चापलूसी की जीवन शेली है जो जीवन को पतन की तरफ ही ले जाती है .
हमारे देश का नाम भारत इसलिए ही है की यहाँ के सपूत शेरनी का भी दूध दुह लाते थे .
शेरावाली की पूजा हमारे भीतर के सिंह्तव को जगाती है ...महावीर स्वामी तो जन्म से ही अपने पांवो मे शेर का लक्षण लेकर जन्मे थे और देखो उन्होंने जिया भी उस जीवन को .
चौमुखा शेर सम्पूर्ण भारत के शौर्य का प्रतिक है .
अरे यार खुद पर गर्व करो की हम लोगो शेरो की संतान है और स्वयं को इस काबिल बनाओ की आपकी आने वाली पीढियों को भी आप पर ऐसे ही गर्व हो और वो भी यही कहे की वो भी शेरो की संताने है .
दुनिया मे बातो से कोई शेर नहीं बनता ..शेर होने के लिए हमें अपने मन आत्मा -विचार और पुरुषार्थ को शेरे दिल बनाना होगा .
ह्रदय की तुच्छ कमजोरी का त्याग करो जो मन मे सोचे बेठे हो की आप कमजोर हो.
जीवन के हर कदम पर विश्वाश रखो की ईश्वर आपके साथ है .
हर सुबह योग,व्यायाम.प्राणायाम,ध्यान करो ..योग और व्यायाम से शरीर मजबूत और निरोगी होगा .
प्राणायाम से जीवन शक्ति पुष्ट होगी .
ध्यान से एकाग्रता और मानसिक शक्ति का विकास होगा .
हम अपनी आंतरिक और अध्यात्मिक शक्ति को बढाकर अनायास ही अपने सिंह्तव को प्राप्त कर लेंगे.
शेर दिल लोग कभी कर्तव्य विमुख नहीं होते ..वे जहां अपने धर्म ईमान पर अडिग रहते है ,वही समाज देश और दुनिया के लिए अपने मानवीय कर्तव्यों को ईश्वर की पूजा समजकर संपादित करते है .
अगर आप भी ऐसा करते है या करेंगे तो निश्चय ही शेरो की संतान है .
हमें अपनी शिक्षा पर पूरा जोर देना है ..अच्छी शिक्षा हमारे लिए विकास के रास्ते खोलेगी.
कम शिक्षित होने पर भी किसी का अंबानी, बिल गेट्स और बिरला हो जाना शिक्षित लोगो के सहयोग से ही संभव हो पाता है .
बाकी रविन्द्रनाथ टेगोर और अब्दुल कलाम की ऊंचाईयां तो बेहतर शिक्षा से ही संभव होती है .
इसलिए हमेशा जितना हो सके अच्छी और बेहतरीन शिक्षा पाने का प्रयत्न करे जीवन के हर मोड पर कुछ ना कुछ सिखने की इच्छा बनाये रखो तो आपका जीवन स्वयं बेहतर की तरफ हो जाएगा ..:)

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