Thursday, 13 October 2016
लक्ष्य के लिए साधना
Wednesday, 24 August 2016
Lay man's point of view ..Lay man-अविशेषज्ञ ...अविशेषज्ञ की नजर से भी देखे कभी
loading...
Lay man's Thinking*
An engineer in a car manufacturing company designs a world class car.
The owner is impressed with the outcome and praised him a lot.
While trying to bring out the car from the manufacturing area to the office they realised that the car is few inches taller than the entrance.
The engineer felt bad that he didn't notice this one before creating the car.
The owner was amazed on how to take it outside of the manufacturing area.
The painter said that they can bring out the car and there will be a few scratches on top of the car that he will do the tinkering later on.
The engineer said that they can break the entrance and after taking the car out, they can cement it.
The owner was not convinced with any ideas and felt like it is a bad sign to break or scratch.
*The watchman* was watching all the drama and slowly approached the owner.
He wanted to give an idea if they had no problem.
They wondered what this guy would tell them that the experts could not give.
Watchman said that *The car is only a few inches taller than the entrance so if they release the AIR in the tyre , the height of the car will be adjusted and can be easily taken out.*
Everyone clapped!!
*LESSON :*
```Don't encounter problems from the expert point of view.
There is always a``` *LAYMAN point* ```that will gives the best solution in a given point of time...```
••••••• •••••••• •••••••••
Life issues are also same.
Many a time a friend's entrance door fall short by few inches, we feel taller!!
Release some air (ego) and adjust the height.
Think simple...
Do simple...
& Live simple :)
An engineer in a car manufacturing company designs a world class car.
The owner is impressed with the outcome and praised him a lot.
While trying to bring out the car from the manufacturing area to the office they realised that the car is few inches taller than the entrance.
The engineer felt bad that he didn't notice this one before creating the car.
The owner was amazed on how to take it outside of the manufacturing area.
The painter said that they can bring out the car and there will be a few scratches on top of the car that he will do the tinkering later on.
The engineer said that they can break the entrance and after taking the car out, they can cement it.
The owner was not convinced with any ideas and felt like it is a bad sign to break or scratch.
*The watchman* was watching all the drama and slowly approached the owner.
He wanted to give an idea if they had no problem.
They wondered what this guy would tell them that the experts could not give.
Watchman said that *The car is only a few inches taller than the entrance so if they release the AIR in the tyre , the height of the car will be adjusted and can be easily taken out.*
Everyone clapped!!
*LESSON :*
```Don't encounter problems from the expert point of view.
There is always a``` *LAYMAN point* ```that will gives the best solution in a given point of time...```
••••••• •••••••• •••••••••
Life issues are also same.
Many a time a friend's entrance door fall short by few inches, we feel taller!!
Release some air (ego) and adjust the height.
Think simple...
Do simple...
& Live simple :)
Saturday, 20 August 2016
कैसे करें नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों में परिवर्तित .....
आकर्षण का नियम (Law of attraction) कहता है कि हम जो भी सोचते हैं उसे अपने
जीवन में आकर्षित करते हैं, फिर चाहे वो चीज अच्छी हो या बुरी।
उदाहरण के लिए: --- अगर कोई सोचता है कि वो हमेशा परेशान रहता है, बीमार रहता
है और उसके पास पैसों कि कमी रहती है तो असल जिंदगी में भी ब्रह्माण्ड घटनाओं
को कुछ ऐसे सुनिश्चित करता है कि उसे अपने जीवन में परेशानी, बीमारी और तंगी
का सामना करना पड़ता है।
वहीँ दूसरी तरफ अगर वो सोचता है कि वो खुशहाल है, सेहतमंद है और उसके पास खूब
पैसे हैं तो असल जीवन में भी उसे खुशहाली, अच्छी सेहत, अच्छे सम्बन्ध और
समृद्धि देखने को मिलती है।
“हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं”
-भगवान गौतम बुद्ध
“हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि हम
क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, और वे दूर तक यात्रा करते हैं”
-स्वामी विवेकानंद
जो लोग आकर्षण के नियम को मानते हैं, वे समझते हैं कि सकारात्मक सोचना कितना
ज़रूरी है…वे जानते हैं कि हर एक नकारात्मक विचार हमारे जीवन को सकारात्मकता
से दूर ले जाता है और हर एक सकारात्मक विचार खुशियां लाता है।
किसी ने कहा भी है, ”अगर इंसान जानता कि उसकी सोच कितनी शक्तिशाली है तो वो
कभी नकारात्मक। नहीं सोचता !”
पर क्या हमेशा सकारात्मक सोचना संभव है ?
यहीं पर काम आते हैं हमारे लेकिन, किन्तु, परन्तु...
दोस्तों, वैसे तो ये शब्द अधिकतर नकारात्मक सन्दर्भ में प्रयोग होते हैं ..
उदाहरणार्थ हम लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं :
--- मैं सफल हो जाता लेकिन...
--- सब सही चल रहा था किन्तु...आदि ।
पर हम इन शब्दों का प्रयोग नकारात्मक वाक्यों के अंत में करके उन्हें
सकारात्मक में बदल सकते हैं।
कुछ उदाहरणोंसे समझते हैं :---
जैसे ही आपके मन में विचार आये, “दुनिया बहुत बुरी है ” तो आप इतना कह कर या
सोच कर रुके नहीं,
तुरंत realize करें कि आपने एक नकारात्मक वाक्य बोला है इसलिए तुरंत सावधान हो
जाएं ..
और वाक्य को कुछ ऐसे पूरा करें----
”दुनिया बहुत बुरी है, लेकिन अब चीजें बदल रही हैं, बहुत से अच्छे लोग समाज
में अच्छाई का बीज बो रहे हैं और सब ठीक हो रहा है “
कुछ और उदाहरण देखते हैं :-- मैं पढ़ने में कमजोर हूँ,
लेकिन अब मैंने मेहनत शुरू कर दी है और जल्द ही मैं पढ़ाई में भी अच्छा हो
जाऊँगा।-
*मेरा boss बहुत -------है,
पर धीरे -धीरे वो बदल रहे हैं और उनको ज्ञान भी बहुत है, मुझे काफी कुछ सीखने
को मिलता है उनसे।
*मेरे पास पैसे नहीं हैं,
लेकिन मुझे पता है मेरे पास बहुत पैसा आने वाला है, इतना कि न मैं सिर्फ अपने
बल्कि अपने अपनों के भी सपने पूरे कर सकूँ।-
*मेरे साथ हमेशा बुरा होता है,
लेकिन मैं देख रहा हूँ कि पिछले कुछ दिनों से सब अच्छा अच्छा ही हो रहा है, और
आगे भी होगा।
*मेरे बच्चे की शादी नहीं हो रही,
परंतु अब मौसम शादियों का है, भाग्य ने उसके लिए बहुत ही बेहतरीन रिश्ता सोच
रखा होगा, जो जल्द ही तय होगा।
यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात है - ये realize करना कि मन में एक नकारात्मक विचार
आया और तुरंत सावधान हो कर ...
इसे “लेकिन” लगा कर सकारात्मक में बदल देना ।
बस एक सकारात्मक वाक्य जोड़ना है और हमारा अवचेतन मन उसे ही सही मानेगा और
ब्रह्माण्ड हमर जीवन में वैसे ही अनुभव प्रस्तुत करेगा !
ये तो आसान लग रहा है !!
हो सकता है ये बड़ा आसान लगे, कुछ लोगों के लिए वाकई में हो भी, पर अधिकांश
लोगों के लिए विचारों को नियंत्रित करना और उनके प्रति जागरूक रहना
चुनौतीपूर्ण होता है।
जैसे तमाम चीजों को अभ्यास से सही किया जा सकता है, विचारों को भी अभ्यास से
सकारात्मक विचारों में ढाला जा सकता है ।
सकारात्मक रहें प्रसन्न रहें तरक्की करें ।
khushboo jain monu.
जीवन में आकर्षित करते हैं, फिर चाहे वो चीज अच्छी हो या बुरी।
उदाहरण के लिए: --- अगर कोई सोचता है कि वो हमेशा परेशान रहता है, बीमार रहता
है और उसके पास पैसों कि कमी रहती है तो असल जिंदगी में भी ब्रह्माण्ड घटनाओं
को कुछ ऐसे सुनिश्चित करता है कि उसे अपने जीवन में परेशानी, बीमारी और तंगी
का सामना करना पड़ता है।
वहीँ दूसरी तरफ अगर वो सोचता है कि वो खुशहाल है, सेहतमंद है और उसके पास खूब
पैसे हैं तो असल जीवन में भी उसे खुशहाली, अच्छी सेहत, अच्छे सम्बन्ध और
समृद्धि देखने को मिलती है।
“हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं”
-भगवान गौतम बुद्ध
“हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि हम
क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, और वे दूर तक यात्रा करते हैं”
-स्वामी विवेकानंद
जो लोग आकर्षण के नियम को मानते हैं, वे समझते हैं कि सकारात्मक सोचना कितना
ज़रूरी है…वे जानते हैं कि हर एक नकारात्मक विचार हमारे जीवन को सकारात्मकता
से दूर ले जाता है और हर एक सकारात्मक विचार खुशियां लाता है।
किसी ने कहा भी है, ”अगर इंसान जानता कि उसकी सोच कितनी शक्तिशाली है तो वो
कभी नकारात्मक। नहीं सोचता !”
पर क्या हमेशा सकारात्मक सोचना संभव है ?
यहीं पर काम आते हैं हमारे लेकिन, किन्तु, परन्तु...
दोस्तों, वैसे तो ये शब्द अधिकतर नकारात्मक सन्दर्भ में प्रयोग होते हैं ..
उदाहरणार्थ हम लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं :
--- मैं सफल हो जाता लेकिन...
--- सब सही चल रहा था किन्तु...आदि ।
पर हम इन शब्दों का प्रयोग नकारात्मक वाक्यों के अंत में करके उन्हें
सकारात्मक में बदल सकते हैं।
कुछ उदाहरणोंसे समझते हैं :---
जैसे ही आपके मन में विचार आये, “दुनिया बहुत बुरी है ” तो आप इतना कह कर या
सोच कर रुके नहीं,
तुरंत realize करें कि आपने एक नकारात्मक वाक्य बोला है इसलिए तुरंत सावधान हो
जाएं ..
और वाक्य को कुछ ऐसे पूरा करें----
”दुनिया बहुत बुरी है, लेकिन अब चीजें बदल रही हैं, बहुत से अच्छे लोग समाज
में अच्छाई का बीज बो रहे हैं और सब ठीक हो रहा है “
कुछ और उदाहरण देखते हैं :-- मैं पढ़ने में कमजोर हूँ,
लेकिन अब मैंने मेहनत शुरू कर दी है और जल्द ही मैं पढ़ाई में भी अच्छा हो
जाऊँगा।-
*मेरा boss बहुत -------है,
पर धीरे -धीरे वो बदल रहे हैं और उनको ज्ञान भी बहुत है, मुझे काफी कुछ सीखने
को मिलता है उनसे।
*मेरे पास पैसे नहीं हैं,
लेकिन मुझे पता है मेरे पास बहुत पैसा आने वाला है, इतना कि न मैं सिर्फ अपने
बल्कि अपने अपनों के भी सपने पूरे कर सकूँ।-
*मेरे साथ हमेशा बुरा होता है,
लेकिन मैं देख रहा हूँ कि पिछले कुछ दिनों से सब अच्छा अच्छा ही हो रहा है, और
आगे भी होगा।
*मेरे बच्चे की शादी नहीं हो रही,
परंतु अब मौसम शादियों का है, भाग्य ने उसके लिए बहुत ही बेहतरीन रिश्ता सोच
रखा होगा, जो जल्द ही तय होगा।
यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात है - ये realize करना कि मन में एक नकारात्मक विचार
आया और तुरंत सावधान हो कर ...
इसे “लेकिन” लगा कर सकारात्मक में बदल देना ।
बस एक सकारात्मक वाक्य जोड़ना है और हमारा अवचेतन मन उसे ही सही मानेगा और
ब्रह्माण्ड हमर जीवन में वैसे ही अनुभव प्रस्तुत करेगा !
ये तो आसान लग रहा है !!
हो सकता है ये बड़ा आसान लगे, कुछ लोगों के लिए वाकई में हो भी, पर अधिकांश
लोगों के लिए विचारों को नियंत्रित करना और उनके प्रति जागरूक रहना
चुनौतीपूर्ण होता है।
जैसे तमाम चीजों को अभ्यास से सही किया जा सकता है, विचारों को भी अभ्यास से
सकारात्मक विचारों में ढाला जा सकता है ।
सकारात्मक रहें प्रसन्न रहें तरक्की करें ।
khushboo jain monu.
Sunday, 29 May 2016
सफलता का कोई शोर्ट कट नही होता ...
*सफलता जीवन कि सबसे सफल उपलब्धि है ,पर यह न तो आसमान से टपकती है , न यह जादुई या रहस्यमयी है .
सफलता तो तब मिलती है जब हमारी साँसों में भी सफलता का सपना बस जाता है .
*सफलता लक्ष्य कि और किये जाने वाले निरंतर पुरुषार्थ का परिणाम है ..अपने जीवन को हम जेसा बनाना चाहते है,वेसा बनना ही सफलता है .
*मंजिले उनको मिलती है जिनके सपनो में जान होती है सिर्फ पंख लगने से कुछ नहीं होता ,हौंसले हो तो ही उड़ान होती है.
*सफलता पाने के लिए मात्र आधा दर्जन चीजे चाहये ...जेसे अच्छी फसल पाने के लिए मिटटी बीज पानी धुप खाद और देखभाल चाहये ,वैसे ही सफलता का आनंद लेने के लिए स्पष्ट लक्ष्य ,कड़ी मेहनत ,बेहतर कार्य योजना ,श्रेष्ट बुद्धिमानी ,प्रबल आत्मविश्वाश और समय के समुचित प्रबंधन कि जरूरत होती है .
*विफल से विफल व्यक्ति सफल हो सकता है ..इसके लिए एक ही ताकत चाहये और वह है आत्मविश्वाश .
आत्मविश्वाश संकट मोचक हनुमान कि तरह है ...बजरंग बली कि जय बोलिए और कठिनाइयों का सागर लांघ जाइए.
*किसी गोल्ड मेडलिस्ट छात्र से पूछिए कि उसने ऐसा क्या किया -तो उनका जवाब होगा गुरुजनों का मार्गदर्शन
,खुद कि मेहनत ,बुलंद हौंसले ,ऊँचा लक्ष्य .तकनिकी ज्ञान और बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद .
*बगेर लक्ष्य के किया गया मन्त्र जाप .औषधि -निर्माण ,ध्यान साधना और व्यापर हमें किसी डगर तक नहीं पहुंचा सकते .
पहले अपना लक्ष्य तय कीजिये ..अपने लक्ष्य के प्रति आप जितनी प्रतिशत ताकत झोकेंगे ,आप उतने प्रतिशत सफल हो पायेंगे ...सौ प्रतिशत सफलता के लिए सौ प्रतिशत उर्जा लगानी होगी .
*सफलता चाहये तो पहले एकांत में बैठकर लक्ष्य साधने वाली योजना बनाइये और उस योजना कि क्रियान्विति के लिए खुद को सख्ती से अनुशाषित कीजिये ..बिना अनुशाशन का व्यक्ति बोल तो खूब सकता है पर सफलता के सपनो को खोल नहीं सकता .
*अगर आप गरीब है तो अमीर बनने कि योजना बनाइये ..बीमार है तो आरोग्य कि,अशिक्षित है तो शिक्षा कि,और बुजुर्ग है तो बुढ़ापे को सार्थक करने कि तैयारी कीजिये .
*नेपोलियन से प्रेरणा लीजिए जिसने सिद्ध किया कि मनुष्य चाहे तो असंभव कुछ भी नहीं .
पत्थर तबियत से उछाला जाय तो आसमान में भी छेद हो सकता है और अल्पास कि दुर्गम पहाड़ियों को भी तोपखाने के साथ पार किया जा सकता है .
*जो पैदा नहीं कर सकता वह बाँझ कहलाता है और जो कुछ काम नहीं करता वह निकम्मा कहलाता है .
क्या आप अपने मुंह पर इस लेबल कि कालिख पोतना चाहेंगे ...?
एक बुरा व्यक्ति भी अच्छी बाते पढकर अच्छा बनने कि शुरुआत कर सकता है ..बस जरूरत है पहला कदम उठाने कि .
*मंजिल मिल ही जायेगी भटकते हुए ही सही ..गुमराह वे लोग है जी घर से निकले ही नहीं ...
*पूरी ताकत से प्रगति कि दिशा में धक्का मारिये और जेसे ही गाडी चल पड़े कूदकर चढ जाइए ...फिर लीजिए जीवन का जी भर आनंद .
*पुरानी निराशाओं और उपेक्षाओं को डस्टबिन में डालिए ..मन कि दराजो को साफ़ कीजिये .
खुद को उर्जावान बनाइए और लम्बे समय से पेंडिंग पड़े कामो को पूरा कर दीजिए .
* यह साबित कर दीजिए कि इंतज़ार कि घड़ियाँ अब समाप्त हुई ..जेसे ही उत्साह और उद्यम दोस्ती कर लेंगे ,एक और एक सीधे ग्यारह हो जायेंगे ..तब आप ही कहेंगे -सफलता अब तय है .:)
सफलता तो तब मिलती है जब हमारी साँसों में भी सफलता का सपना बस जाता है .
*सफलता लक्ष्य कि और किये जाने वाले निरंतर पुरुषार्थ का परिणाम है ..अपने जीवन को हम जेसा बनाना चाहते है,वेसा बनना ही सफलता है .
*मंजिले उनको मिलती है जिनके सपनो में जान होती है सिर्फ पंख लगने से कुछ नहीं होता ,हौंसले हो तो ही उड़ान होती है.
*सफलता पाने के लिए मात्र आधा दर्जन चीजे चाहये ...जेसे अच्छी फसल पाने के लिए मिटटी बीज पानी धुप खाद और देखभाल चाहये ,वैसे ही सफलता का आनंद लेने के लिए स्पष्ट लक्ष्य ,कड़ी मेहनत ,बेहतर कार्य योजना ,श्रेष्ट बुद्धिमानी ,प्रबल आत्मविश्वाश और समय के समुचित प्रबंधन कि जरूरत होती है .
*विफल से विफल व्यक्ति सफल हो सकता है ..इसके लिए एक ही ताकत चाहये और वह है आत्मविश्वाश .
आत्मविश्वाश संकट मोचक हनुमान कि तरह है ...बजरंग बली कि जय बोलिए और कठिनाइयों का सागर लांघ जाइए.
*किसी गोल्ड मेडलिस्ट छात्र से पूछिए कि उसने ऐसा क्या किया -तो उनका जवाब होगा गुरुजनों का मार्गदर्शन
,खुद कि मेहनत ,बुलंद हौंसले ,ऊँचा लक्ष्य .तकनिकी ज्ञान और बड़े बुजुर्गो का आशीर्वाद .
*बगेर लक्ष्य के किया गया मन्त्र जाप .औषधि -निर्माण ,ध्यान साधना और व्यापर हमें किसी डगर तक नहीं पहुंचा सकते .
पहले अपना लक्ष्य तय कीजिये ..अपने लक्ष्य के प्रति आप जितनी प्रतिशत ताकत झोकेंगे ,आप उतने प्रतिशत सफल हो पायेंगे ...सौ प्रतिशत सफलता के लिए सौ प्रतिशत उर्जा लगानी होगी .
*सफलता चाहये तो पहले एकांत में बैठकर लक्ष्य साधने वाली योजना बनाइये और उस योजना कि क्रियान्विति के लिए खुद को सख्ती से अनुशाषित कीजिये ..बिना अनुशाशन का व्यक्ति बोल तो खूब सकता है पर सफलता के सपनो को खोल नहीं सकता .
*अगर आप गरीब है तो अमीर बनने कि योजना बनाइये ..बीमार है तो आरोग्य कि,अशिक्षित है तो शिक्षा कि,और बुजुर्ग है तो बुढ़ापे को सार्थक करने कि तैयारी कीजिये .
*नेपोलियन से प्रेरणा लीजिए जिसने सिद्ध किया कि मनुष्य चाहे तो असंभव कुछ भी नहीं .
पत्थर तबियत से उछाला जाय तो आसमान में भी छेद हो सकता है और अल्पास कि दुर्गम पहाड़ियों को भी तोपखाने के साथ पार किया जा सकता है .
*जो पैदा नहीं कर सकता वह बाँझ कहलाता है और जो कुछ काम नहीं करता वह निकम्मा कहलाता है .
क्या आप अपने मुंह पर इस लेबल कि कालिख पोतना चाहेंगे ...?
एक बुरा व्यक्ति भी अच्छी बाते पढकर अच्छा बनने कि शुरुआत कर सकता है ..बस जरूरत है पहला कदम उठाने कि .
*मंजिल मिल ही जायेगी भटकते हुए ही सही ..गुमराह वे लोग है जी घर से निकले ही नहीं ...
*पूरी ताकत से प्रगति कि दिशा में धक्का मारिये और जेसे ही गाडी चल पड़े कूदकर चढ जाइए ...फिर लीजिए जीवन का जी भर आनंद .
*पुरानी निराशाओं और उपेक्षाओं को डस्टबिन में डालिए ..मन कि दराजो को साफ़ कीजिये .
खुद को उर्जावान बनाइए और लम्बे समय से पेंडिंग पड़े कामो को पूरा कर दीजिए .
* यह साबित कर दीजिए कि इंतज़ार कि घड़ियाँ अब समाप्त हुई ..जेसे ही उत्साह और उद्यम दोस्ती कर लेंगे ,एक और एक सीधे ग्यारह हो जायेंगे ..तब आप ही कहेंगे -सफलता अब तय है .:)
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कोशिश एक बार और ....
*दुनिया में हर आदमी कही न कही अवश्य पहुँचता है,पर आप वहा पहुचिये जहा पहुंचना आपका लक्ष्य है.
*लक्ष्य बनाने के लिए सपने देखिये और सपनो को पूरा करना लक्ष्य बनाइये .
*जीने के लिए केवल सांस मत लीजिए , सांस के साथ भीतर आत्मविश्वाश भी लीजिए ..आत्मविश्वाश है अगर पास तो कुछ न कुछ अवश्य करेंगे आप खास .
*कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती ..लड़ाई लड़ते रहिये जिन्दगी की, कोई भी सांस कभी बेकार नहीं जाती .
*हमारे जीवन में भगवान के घर से भाग्योदय का एक अवसर अवश्य प्रदान किया जाता है ,पर आलस्य के चलते हमारी और से स्वागत न किये जाने पर वह उल्टे पैर लौट जाता है ..इसलिए आलस्य का त्याग कीजिये .
आलस्य रखने वालो को थर्ड क्लास की जिन्दगी जीनी पड़ती है .
*निकम्मा बैठना अच्छा भले ही लगे पर निकम्मे बैठने का कोई परिणाम नहीं आता ...आखिर जहाज पानी में उतरने के लिए बनाये जाते है बंदरगाह पर खड़े रहने के लिए नहीं...हो सकता है हमारे भाग्य का मोती हमसे एक और गोता लगवाना चाहता हो .
कल सांझ को जो सूरज डूब चूका था आज वही छाती तानकर कह रहा है --कामयाबी के लिए कोशिश एक बार और .
*अपने काम को कल पर टालने वाली आदत को सुधारिये , अन्यथा कही ऐसा न हो की बर्फ पिघलकर पानी हो जाये ...यानी घर आया असवर हाथ से निकल जाये .
*सफलता के रास्ते में विप्प्तियाँ तो आएँगी , पर विपत्ति आने पर मन से विचलित मत होइए .
यह सोचकर खुद को प्रेरित कीजिये की दूध फट जाने पर चिंता करने की बजाय उसे पनीर बनाने की तरकीब निकालनी चाहये .
*जीवन में आने वाली परिस्थितिया चाबुक की चोट की तरह होती है ...आगे बढ़ने के लिए अनेक दफा हमे उनकी भी जरूरत होती है .
*जीवन में कोई कष्ट आये तो यह सोचकर मजबूत बने कि बीज को वृक्ष बनाने के लिए केवल पानी और खाद ही पर्याप्त नहीं होते ..उनके लिए धुप भी चाहये .
*भले ही सफलता हमारे हाथ में न हो , पर सफलता के लिए डटे रहना तो हमारे हाथ में है ..जो चीज हमारे हाथ में है उसे भला हाथ से क्यों जाने दे .
*कामयाबी के रास्तो को रोकने वाले चार केंकडो को काबू में कीजिये -
१-दिमाग कि अस्थिरता
२ -आज का काम कल पर छोडना
३-कर्तव्य पालन आधे मन से करना
४-युग कि गति को न समझ पाना
*निकम्मे पड़े रहने कि बजाय मेहनत कीजिये ..जंग से नष्ट होने कि बजाय तो घिस घिस कर खत्म होना ज्यादा अच्छा है .
*एक डुबकी से मोती नहीं मिलता और एक दिन लड़ाई लड़ने से कोई सेनापति नहीं बनता ...अभ्यास अगर लगातार जारी रखेंगे तो कल का मुर्ख आज महाकवि कालिदास बन जाता है और कोई भील महाधनुधारी एकलव्य .
*कील कभी तकिये से नहीं ठुकती उसके लिए तो हथोडे का ही उपयोग करना होगा ..जांच लीजिए कि आपकी कमजोरी का कारण कही कोई कमजोर तकिया तो नहीं .
*सफलता के सारे मन्त्र प्रयास और अभ्यास में छिपे है ...अभ्यास अगर जारी रखेंगे तो घिसते घिसते पत्थर भी शिवलिंग बन जायेगा और तुतलाता बच्चा भी कभी किसी विश्व विद्यालय का कुलपति बन जायेगा .
*लक्ष्य बनाने के लिए सपने देखिये और सपनो को पूरा करना लक्ष्य बनाइये .
*जीने के लिए केवल सांस मत लीजिए , सांस के साथ भीतर आत्मविश्वाश भी लीजिए ..आत्मविश्वाश है अगर पास तो कुछ न कुछ अवश्य करेंगे आप खास .
*कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती ..लड़ाई लड़ते रहिये जिन्दगी की, कोई भी सांस कभी बेकार नहीं जाती .
*हमारे जीवन में भगवान के घर से भाग्योदय का एक अवसर अवश्य प्रदान किया जाता है ,पर आलस्य के चलते हमारी और से स्वागत न किये जाने पर वह उल्टे पैर लौट जाता है ..इसलिए आलस्य का त्याग कीजिये .
आलस्य रखने वालो को थर्ड क्लास की जिन्दगी जीनी पड़ती है .
*निकम्मा बैठना अच्छा भले ही लगे पर निकम्मे बैठने का कोई परिणाम नहीं आता ...आखिर जहाज पानी में उतरने के लिए बनाये जाते है बंदरगाह पर खड़े रहने के लिए नहीं...हो सकता है हमारे भाग्य का मोती हमसे एक और गोता लगवाना चाहता हो .
कल सांझ को जो सूरज डूब चूका था आज वही छाती तानकर कह रहा है --कामयाबी के लिए कोशिश एक बार और .
*अपने काम को कल पर टालने वाली आदत को सुधारिये , अन्यथा कही ऐसा न हो की बर्फ पिघलकर पानी हो जाये ...यानी घर आया असवर हाथ से निकल जाये .
*सफलता के रास्ते में विप्प्तियाँ तो आएँगी , पर विपत्ति आने पर मन से विचलित मत होइए .
यह सोचकर खुद को प्रेरित कीजिये की दूध फट जाने पर चिंता करने की बजाय उसे पनीर बनाने की तरकीब निकालनी चाहये .
*जीवन में आने वाली परिस्थितिया चाबुक की चोट की तरह होती है ...आगे बढ़ने के लिए अनेक दफा हमे उनकी भी जरूरत होती है .
*जीवन में कोई कष्ट आये तो यह सोचकर मजबूत बने कि बीज को वृक्ष बनाने के लिए केवल पानी और खाद ही पर्याप्त नहीं होते ..उनके लिए धुप भी चाहये .
*भले ही सफलता हमारे हाथ में न हो , पर सफलता के लिए डटे रहना तो हमारे हाथ में है ..जो चीज हमारे हाथ में है उसे भला हाथ से क्यों जाने दे .
*कामयाबी के रास्तो को रोकने वाले चार केंकडो को काबू में कीजिये -
१-दिमाग कि अस्थिरता
२ -आज का काम कल पर छोडना
३-कर्तव्य पालन आधे मन से करना
४-युग कि गति को न समझ पाना
*निकम्मे पड़े रहने कि बजाय मेहनत कीजिये ..जंग से नष्ट होने कि बजाय तो घिस घिस कर खत्म होना ज्यादा अच्छा है .
*एक डुबकी से मोती नहीं मिलता और एक दिन लड़ाई लड़ने से कोई सेनापति नहीं बनता ...अभ्यास अगर लगातार जारी रखेंगे तो कल का मुर्ख आज महाकवि कालिदास बन जाता है और कोई भील महाधनुधारी एकलव्य .
*कील कभी तकिये से नहीं ठुकती उसके लिए तो हथोडे का ही उपयोग करना होगा ..जांच लीजिए कि आपकी कमजोरी का कारण कही कोई कमजोर तकिया तो नहीं .
*सफलता के सारे मन्त्र प्रयास और अभ्यास में छिपे है ...अभ्यास अगर जारी रखेंगे तो घिसते घिसते पत्थर भी शिवलिंग बन जायेगा और तुतलाता बच्चा भी कभी किसी विश्व विद्यालय का कुलपति बन जायेगा .
Wednesday, 25 May 2016
सफल जीवन के सीक्रेट -इम्प्रेसिव लाइफ के टिप्स
*दुनिया में हमारी एंट्री चाहे जेसी हो पर एक्सिट हमेशा शानदार होनी चाहये ..अपने वचन व्यवहार को ऐसा बनाइए कि अगरबती की खुशबू की तरह हम सीधे दूसरों के दिल में उतर जाये.
*तलवार की कीमत उसकी धारसे होती है और इंसान की कीमत उसके व्यवहार से होती है ..हम दूसरों से ऐसा व्यवहार करे की वो हमें अपना राजा समझे .
*जो आपसे दुश्मनी रखते है ,उनसे दुश्मनी निकालने के लिए वक्त बर्बाद करने की बजाय अच्छा होगा आप उनके लिए समय निकाले जो आपसे बहुत प्यार और सम्मान करते है .
*वेर विरोध जहर की तरह है ..उसे दिल में इकठ्ठा करना सांप बिच्छुओं का काम है ..इंसानों का नहीं .
आप इंसान है तो प्लीज प्रेम और क्षमा का अमृत पीजिए वेर विरोध का जहर नहीं .
*अपने क्रोध को अपने कंट्रोल में रखिये ...शांति और प्रेम के पंछी उस डाल पर नहीं बैठा करते जिस पेड के नीचे आग सुलग रही होती है .
*जिझक छोडिये जो आपके दिल में है उसे बोलने की हिम्मत जुटाइये और जो बात दूसरों के दिल में है उसे समझने की कोशिश भी कीजिये ..
*जीवन में तोते को देखकर प्रेरणा लीजिए जो मिर्ची कहा कर भी मीठा बोलता है ..और एक हम है जो घी मिश्री कहा कर भी कड़वा बोलते रहते है .
खुद को तोते से ज्यादा तो मत गिरने दीजिए .
*पीठ पीछे आपकी कोई बात हो जाइए तो खीज मत खाइए दरअसल बात उन्ही की होती है जिनमे कोई बात होती है.
*आपकी पहचान अच्छी बातो से नहीं ,बल्कि अच्छे कार्यों से होगी ..
अच्छी बाते तो बुरे लोग भी कर लिया करते है पर अच्छे कार्य तो केवल अच्छे लोग ही कर पाते है .
*अच्छे काम के लिए अच्छे मुह्रुत का इंतज़ार मत कीजिये .
जिस दिन अच्छे काम करने का भाव जगे ,उसे मूर्त रूप देने का वही सबसे अच्छा मंगल दिवस है .
*तलवार की कीमत उसकी धारसे होती है और इंसान की कीमत उसके व्यवहार से होती है ..हम दूसरों से ऐसा व्यवहार करे की वो हमें अपना राजा समझे .
*जो आपसे दुश्मनी रखते है ,उनसे दुश्मनी निकालने के लिए वक्त बर्बाद करने की बजाय अच्छा होगा आप उनके लिए समय निकाले जो आपसे बहुत प्यार और सम्मान करते है .
*वेर विरोध जहर की तरह है ..उसे दिल में इकठ्ठा करना सांप बिच्छुओं का काम है ..इंसानों का नहीं .
आप इंसान है तो प्लीज प्रेम और क्षमा का अमृत पीजिए वेर विरोध का जहर नहीं .
*अपने क्रोध को अपने कंट्रोल में रखिये ...शांति और प्रेम के पंछी उस डाल पर नहीं बैठा करते जिस पेड के नीचे आग सुलग रही होती है .
*जिझक छोडिये जो आपके दिल में है उसे बोलने की हिम्मत जुटाइये और जो बात दूसरों के दिल में है उसे समझने की कोशिश भी कीजिये ..
*जीवन में तोते को देखकर प्रेरणा लीजिए जो मिर्ची कहा कर भी मीठा बोलता है ..और एक हम है जो घी मिश्री कहा कर भी कड़वा बोलते रहते है .
खुद को तोते से ज्यादा तो मत गिरने दीजिए .
*पीठ पीछे आपकी कोई बात हो जाइए तो खीज मत खाइए दरअसल बात उन्ही की होती है जिनमे कोई बात होती है.
*आपकी पहचान अच्छी बातो से नहीं ,बल्कि अच्छे कार्यों से होगी ..
अच्छी बाते तो बुरे लोग भी कर लिया करते है पर अच्छे कार्य तो केवल अच्छे लोग ही कर पाते है .
*अच्छे काम के लिए अच्छे मुह्रुत का इंतज़ार मत कीजिये .
जिस दिन अच्छे काम करने का भाव जगे ,उसे मूर्त रूप देने का वही सबसे अच्छा मंगल दिवस है .
सफल जीवन के सीक्रेट -बड़ी सोच का बड़ा जादू
*आपकी सोच आपके विचारों को ,आपके विचार आपकी वाणी को ,वाणी व्यव्हार को ,व्यवहार आपके व्यक्तित्व को प्रभावित और प्रेरित करता है.
एक सुंदर और खूबसूरत व्यक्तित्व व्यव्हार वाणी और विचारों का मालिक बनने के लिए अपनी सोच को कुतुबमीनार जेसी ऊँची,ताजमहल जेसी सुन्दर और देलवाडा के मंदिरों जेसी खूबसूरत बनाइए.
*सचिन नाटा होकर भी ,लालबहादुर शास्त्री गरीब घर में पैदा होकर भी और अंबानी इंटरमीडयट होकर भी शीर्ष पर पंहुच गए , तो फिर हम ही मुंह लटका कर मायूस क्यों बेठे है.
जीवन में फिर से जोश जगाए और कामयाबी के आसमान को छूने के लिए अभी इसी वक्त छलांग लगा दे .
*सफलता की चाबी है गिलास हमेशा भरा हुआ देखो ...किसी में कोई कमी है तो उस से समझोता कर लो .
ईंट के रूप में न सही तो मिटटी के रूप में तो सबका उपयोग किया ही जा सकता है .
*नकारात्मक सोच तोडती है ,सकारात्मक सोच जोड़ती है ..साधारण किस्म के लोग गिलास आधा खाली देखते है ,समझदार लोग गिलास आधा भरा देखते है ..ऊँचाई छूने वाले लोग गिलास पूरा भरा देखते है.
*आपकी हाईट अगर साढ़े पांच फुट की है तो आप ताडासन कर के भी अपने सर को छ फीट से ऊँचा नहीं कर सकते ...पर अगर आप अपनी सोच को ऊँचा उठाना चाहे तो आप हिमालय से भी ऊपर उठ सकते है .
*अगर आप जीवन में बदलाव लाने की सोच रहे है तो यह काम तुरंत और उत्साह से शुरू कर दे .
इंसान का दृढ निश्चय ही सफलता की सीढ़ी है .
*हम टालमटोल की आदत से बचे ...टालमटोल की आदत पानी में मटकी में छेद की तरह होती है ..
ऐसे लोग बहाने बाजी की बीमारी के शिकारी होते है ..जो कही नही पहुँच पाते अपनी इसी बीमारी के कारण .
*बिना अक्ल के सो लोगो की बजाय एक बुद्धिमान को साथ रखना अधिक फायदेमंद है ..
खुद ही सोचिये एक अरबी घोडा ज्यादा मूल्यवान है या सौ गधे ..?
*इल्म और हुनर तो जिस से भी मिले ,जहाँ से भी मिले जिस कदर मिले,हमें हर मोल चूका कर भी उसे ग्रहण कर लेना चाहए..सीखी हुई विद्या हमेशा अपना सौ गुणा मोल लौटाती है.
एक सुंदर और खूबसूरत व्यक्तित्व व्यव्हार वाणी और विचारों का मालिक बनने के लिए अपनी सोच को कुतुबमीनार जेसी ऊँची,ताजमहल जेसी सुन्दर और देलवाडा के मंदिरों जेसी खूबसूरत बनाइए.
*सचिन नाटा होकर भी ,लालबहादुर शास्त्री गरीब घर में पैदा होकर भी और अंबानी इंटरमीडयट होकर भी शीर्ष पर पंहुच गए , तो फिर हम ही मुंह लटका कर मायूस क्यों बेठे है.
जीवन में फिर से जोश जगाए और कामयाबी के आसमान को छूने के लिए अभी इसी वक्त छलांग लगा दे .
*सफलता की चाबी है गिलास हमेशा भरा हुआ देखो ...किसी में कोई कमी है तो उस से समझोता कर लो .
ईंट के रूप में न सही तो मिटटी के रूप में तो सबका उपयोग किया ही जा सकता है .
*नकारात्मक सोच तोडती है ,सकारात्मक सोच जोड़ती है ..साधारण किस्म के लोग गिलास आधा खाली देखते है ,समझदार लोग गिलास आधा भरा देखते है ..ऊँचाई छूने वाले लोग गिलास पूरा भरा देखते है.
*आपकी हाईट अगर साढ़े पांच फुट की है तो आप ताडासन कर के भी अपने सर को छ फीट से ऊँचा नहीं कर सकते ...पर अगर आप अपनी सोच को ऊँचा उठाना चाहे तो आप हिमालय से भी ऊपर उठ सकते है .
*अगर आप जीवन में बदलाव लाने की सोच रहे है तो यह काम तुरंत और उत्साह से शुरू कर दे .
इंसान का दृढ निश्चय ही सफलता की सीढ़ी है .
*हम टालमटोल की आदत से बचे ...टालमटोल की आदत पानी में मटकी में छेद की तरह होती है ..
ऐसे लोग बहाने बाजी की बीमारी के शिकारी होते है ..जो कही नही पहुँच पाते अपनी इसी बीमारी के कारण .
*बिना अक्ल के सो लोगो की बजाय एक बुद्धिमान को साथ रखना अधिक फायदेमंद है ..
खुद ही सोचिये एक अरबी घोडा ज्यादा मूल्यवान है या सौ गधे ..?
*इल्म और हुनर तो जिस से भी मिले ,जहाँ से भी मिले जिस कदर मिले,हमें हर मोल चूका कर भी उसे ग्रहण कर लेना चाहए..सीखी हुई विद्या हमेशा अपना सौ गुणा मोल लौटाती है.
Sunday, 22 May 2016
सफल जीवन के सीक्रेट -जीने की कला का यही है तरीका
*जीवन में सुख दुःख दोनों आयेंगे , सुख भर आये तो जी भर हंस लीजियेगा और दुःख आये तो उसे हंसी में उड़ा दीजियेगा ..यही जीने की कला है
*अपने स्वभाव को अपने चेहरे से ज्यादा सुन्दर बनाइए ..सुंदर चेहरा तो कुछ दिन सुंदर लगेगा पर सुंदर स्वभाव जीवन भर सुन्दर लगेगा .
*तस्वीर खिंचवाते समय तो हर कोई मुस्कुराता है पर सच्ची खुशी तब आती है जब हम हर रोज मुस्कुराना शुरू कर दे .
*किसी से कन्नी काट कर मत बैठिये ...अगर आप प्रेम से चार बात कर लेंगे तो आपकी दौलत कम नहीं हो जाने वाली .
*अपने क्रोध पर अपना नियंत्रण रखिये ...भला जब अंगारा खुद को ठंडक नहीं दे सकता तो हमारे द्वारा किया जाने वाला क्रोध दूसरों को केसे पसंद आएगा .
*व्यर्थ की सरपच्चियों में हाथ मत डालिए..उखल में सर डालेंगे तो मुसल की मार भी खानी पड़ेगी..शांति चाहए तो एक ही मंत्र है -तू तेरी संभाल छोड शेष जंजाल .
*हम दूसरों के आंसू पोंछ सके तो सौभाग्य की बात , पर हमारी वजह से किसी की आँख में आंसू न आये ..यह ध्यान रखना भी बहुत है जीवन में .
*कड़वा बोलना छोडिये ..हर शब्द का प्रभाव पड़ता है ..सम्हालकर बोलेंगे तो सद्भाव के रंग घोलेंगे ...बेतरतीबी से बोलेंगे तो दिल में घाव कर बैठेंगे .
*खुशी की कसौटी इस बात में नहीं है की हम कितने खुश है बल्कि इस सच को परखने में है कि दूसरे लोग हमसे मिलकर कितने खुश है .
*क्रोध का जवाब क्रोध से देना उग्रता है ये जवाब कोई भी नासमझ दे सकता है...क्रोध का जवाब प्रेम से देना साधुता है जिसे एक समझदार ही दे सकता है.
*खुद से गलती हो जाए तो माफ़ी मांग लीजिए और दूसरे से गलती हो गई हो तो माफ कर दीजिए ...भला जब सॉरी कहने से प्रेम के पूल बन सकते है तो द्वेष की दीवारों से सर क्यूँ टकराया जाय .
*मौन और मुस्कान दोनों का इस्तेमाल कीजिये ..मौन से जहा कई मुसीबतों को पास आने से रोका जा सकता है,वही मुस्कान से कई मसलो का हल निकाला जा सकता है ..खुद को हमेशा समाधान का हिस्सा बनाइये ..समस्या का नहीं ...:)
*अपने स्वभाव को अपने चेहरे से ज्यादा सुन्दर बनाइए ..सुंदर चेहरा तो कुछ दिन सुंदर लगेगा पर सुंदर स्वभाव जीवन भर सुन्दर लगेगा .
*तस्वीर खिंचवाते समय तो हर कोई मुस्कुराता है पर सच्ची खुशी तब आती है जब हम हर रोज मुस्कुराना शुरू कर दे .
*किसी से कन्नी काट कर मत बैठिये ...अगर आप प्रेम से चार बात कर लेंगे तो आपकी दौलत कम नहीं हो जाने वाली .
*अपने क्रोध पर अपना नियंत्रण रखिये ...भला जब अंगारा खुद को ठंडक नहीं दे सकता तो हमारे द्वारा किया जाने वाला क्रोध दूसरों को केसे पसंद आएगा .
*व्यर्थ की सरपच्चियों में हाथ मत डालिए..उखल में सर डालेंगे तो मुसल की मार भी खानी पड़ेगी..शांति चाहए तो एक ही मंत्र है -तू तेरी संभाल छोड शेष जंजाल .
*हम दूसरों के आंसू पोंछ सके तो सौभाग्य की बात , पर हमारी वजह से किसी की आँख में आंसू न आये ..यह ध्यान रखना भी बहुत है जीवन में .
*कड़वा बोलना छोडिये ..हर शब्द का प्रभाव पड़ता है ..सम्हालकर बोलेंगे तो सद्भाव के रंग घोलेंगे ...बेतरतीबी से बोलेंगे तो दिल में घाव कर बैठेंगे .
*खुशी की कसौटी इस बात में नहीं है की हम कितने खुश है बल्कि इस सच को परखने में है कि दूसरे लोग हमसे मिलकर कितने खुश है .
*क्रोध का जवाब क्रोध से देना उग्रता है ये जवाब कोई भी नासमझ दे सकता है...क्रोध का जवाब प्रेम से देना साधुता है जिसे एक समझदार ही दे सकता है.
*खुद से गलती हो जाए तो माफ़ी मांग लीजिए और दूसरे से गलती हो गई हो तो माफ कर दीजिए ...भला जब सॉरी कहने से प्रेम के पूल बन सकते है तो द्वेष की दीवारों से सर क्यूँ टकराया जाय .
*मौन और मुस्कान दोनों का इस्तेमाल कीजिये ..मौन से जहा कई मुसीबतों को पास आने से रोका जा सकता है,वही मुस्कान से कई मसलो का हल निकाला जा सकता है ..खुद को हमेशा समाधान का हिस्सा बनाइये ..समस्या का नहीं ...:)
Friday, 20 May 2016
सफल जीवन के सीक्रेट पार्ट २ -द वे ऑफ गुड लाइफ
*हाथो में मेहँदी का नहीं ,मेहनत का रंग लगाइए ..मेहँदी का रंग सात दिन में उतर जाता है ..पर मेहनत का रंग जीवन भर फल देता है ..
*बड़े के मिल जाने पर छोटे कि उपेक्षा मत कीजिये ..सुई का काम सुई ही करेगी तलवार नहीं .
*कही न कही से शुरुआत करनी ही होगी और हर शुरुआत किसी न किसी जीरो से ही होती है ...दुनिया का हर हीरो पहले दिन जीरो ही था .
*बिल गेट्स से प्रेरणा लीजिए जो पढ़ने में कभी अव्वल नहीं रहा..शाहरुख खां से प्रेरणा लीजिए जो अभिनेताओ के कुल में पैदा नहीं हुआ ..अमिताभ बच्चन से प्रेरणा लीजिए जो नोकरी ढूंढने गए तो कही नोकरी नहीं मिली ...
निराशा हटाइए ,जीवन में आशा और उम्मीद के फूल खिलाइए .
*लोग कहते है -बिना पैसे के शुरुआत केसे करे ?
अरे तो बिना शुरू किये पैसा आएगा कहा से .. ? .याद रखे जीरो ही बढते बढते हीरो हो जाता है ..:)
*दुनिया में लोहे का काम करने वाला लुहार कहलाता है ..और चमड़े का काम करने वाला चमार ..पर जब ये ही ऊँचाई को छु ले तो लोहे का काम करने वाला टाटा कहलाता है और चम्देका काम करने वाला बाटा .
काम को छोटा मत समझिए बस ऊँचाई हासिल कीजिये .
*अपनी जेब में कागज का ऐसा टुकड़ा रखिये जिस पर लिखा हो -आज के दिन का पूरा सार्थक उपयोग करूँगा .
हर सुबह इस कागज को पढ़िए और हर दिन किसी न किसी सार्थक परिणाम तक पहुंचाए .
*जो करे पुरे मन से करे ...मन से किये गए कार्य में सफलता कि दुगुनी सम्भावना रहती है .
*खुद को खिलौना न बनाये कि परिस्थितिया हमें नचाती रहे , खुद को चट्टान कि तरह मजबूत बनाये ताकि विपरीत परिस्थितयो का भी सामना कर सके .
*कभी चिड़िया से पूछो तुने केसे बनाया आशियाना ?
तो जवाब देगी -बार बार भरनी पड़ती है उड़ान ,तिनका तिनका उठाना होता है ..
यूँ ही नहीं मिलती राही को मंजिल ,एक जूनून सा दिल में जगाना होता है :)
*बड़े के मिल जाने पर छोटे कि उपेक्षा मत कीजिये ..सुई का काम सुई ही करेगी तलवार नहीं .
*कही न कही से शुरुआत करनी ही होगी और हर शुरुआत किसी न किसी जीरो से ही होती है ...दुनिया का हर हीरो पहले दिन जीरो ही था .
*बिल गेट्स से प्रेरणा लीजिए जो पढ़ने में कभी अव्वल नहीं रहा..शाहरुख खां से प्रेरणा लीजिए जो अभिनेताओ के कुल में पैदा नहीं हुआ ..अमिताभ बच्चन से प्रेरणा लीजिए जो नोकरी ढूंढने गए तो कही नोकरी नहीं मिली ...
निराशा हटाइए ,जीवन में आशा और उम्मीद के फूल खिलाइए .
*लोग कहते है -बिना पैसे के शुरुआत केसे करे ?
अरे तो बिना शुरू किये पैसा आएगा कहा से .. ? .याद रखे जीरो ही बढते बढते हीरो हो जाता है ..:)
*दुनिया में लोहे का काम करने वाला लुहार कहलाता है ..और चमड़े का काम करने वाला चमार ..पर जब ये ही ऊँचाई को छु ले तो लोहे का काम करने वाला टाटा कहलाता है और चम्देका काम करने वाला बाटा .
काम को छोटा मत समझिए बस ऊँचाई हासिल कीजिये .
*अपनी जेब में कागज का ऐसा टुकड़ा रखिये जिस पर लिखा हो -आज के दिन का पूरा सार्थक उपयोग करूँगा .
हर सुबह इस कागज को पढ़िए और हर दिन किसी न किसी सार्थक परिणाम तक पहुंचाए .
*जो करे पुरे मन से करे ...मन से किये गए कार्य में सफलता कि दुगुनी सम्भावना रहती है .
*खुद को खिलौना न बनाये कि परिस्थितिया हमें नचाती रहे , खुद को चट्टान कि तरह मजबूत बनाये ताकि विपरीत परिस्थितयो का भी सामना कर सके .
*कभी चिड़िया से पूछो तुने केसे बनाया आशियाना ?
तो जवाब देगी -बार बार भरनी पड़ती है उड़ान ,तिनका तिनका उठाना होता है ..
यूँ ही नहीं मिलती राही को मंजिल ,एक जूनून सा दिल में जगाना होता है :)
सफल जीवन के सीक्रेट पार्ट १ -द वे ऑफ गुड लाइफ
* स्वयं को सोने का सिक्का बनाइये जो मिटटी में गिरकर भी अपनी कीमत को कम न होने दे .
*मूल्य इस बात का नहीं है कि आप क्या है ?
मूल्य इस बात को दीजिए कि आप क्या हो सकते है .
*आगे बढ़ने के लिए बडो का सहयोग मिले तो जरुर ले , न मिले तो अपना दीप स्वयं जलाये .
ज्यों ज्यों आप आगे बढ़ेंगे , सूरज चाँद सितारे खुद ब खुद साथ होते जायेंगे .
*एक दिन कि खुशी के लिए पिकनिक मनाने का आनंद लीजिए , पर जीवन भर कि खुशी के लिए अपने काम से प्यार करने कि आदत डालिए .
*उनकी और मत देखिये जिनके पाँव में जूते है ,उनकी और देखिये जिनके पांव ही नहीं है ,आपके मन की शिकायत अपने आप दूर हो जायेगी .
*जीवन में कभी हार मत मानिए ..अगर पानी में डूब रहे है ,तब भी तब तक हाथ पैर चलाते रहिये जब तक शरीर में सांस है
*सबको उतनी ही सौगात मिलती है जिसका जितना आंचल होता है ..अगर आपको फूल नहीं मिल पा रहे है तो चिंता मत कीजिये ,कांटो की और ही दोस्ती का हाथ बढा दीजिए ..उम्मीद रखिये ,कांटो से भी फूलों तक पहुचने का रास्ता निकलता है .
*हर कीमत पर लोगो की नजरो में रहे ..जो नजर नहीं आता उसका कोई मूल्य नहीं होता .
भीड़ का हिस्सा न बने ,अन्यथा गुमनामी में दफन होकर रह जायेंगे .
*अपने आपको इतना दिलचस्प बनाये कि रौशनी हमेशा आप पर ही रहे ..जो दिखाई नहीं देते उनका अस्तित्व नहीं होता समाज में .
*कल जो हुआ उसे भूल जाइए..समजदार के लिए हर सुबह नई जिन्दगी लेकर आती है.
*कठिनाइयों से मत घबराइए ..जो डंक से डरते है ..वे शहद का आनंद पाने के योग्य नहीं होते .
*गरीब घर में पैदा हुए है तो खुद को हीन मत समझिए राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर में ही पैदा हुए थे ..अंग्रेजी नहीं आती तो चिंता मत कीजिये लालू प्रसाद यादव को भी अंग्रेजी नहीं आती ...अगर नोकरी करते है तो धीरज मत खोइए धीरू भाई अंबानी भी कभी नोकरी ही करते थे .
*मूल्य इस बात का नहीं है कि आप क्या है ?
मूल्य इस बात को दीजिए कि आप क्या हो सकते है .
*आगे बढ़ने के लिए बडो का सहयोग मिले तो जरुर ले , न मिले तो अपना दीप स्वयं जलाये .
ज्यों ज्यों आप आगे बढ़ेंगे , सूरज चाँद सितारे खुद ब खुद साथ होते जायेंगे .
*एक दिन कि खुशी के लिए पिकनिक मनाने का आनंद लीजिए , पर जीवन भर कि खुशी के लिए अपने काम से प्यार करने कि आदत डालिए .
*उनकी और मत देखिये जिनके पाँव में जूते है ,उनकी और देखिये जिनके पांव ही नहीं है ,आपके मन की शिकायत अपने आप दूर हो जायेगी .
*जीवन में कभी हार मत मानिए ..अगर पानी में डूब रहे है ,तब भी तब तक हाथ पैर चलाते रहिये जब तक शरीर में सांस है
*सबको उतनी ही सौगात मिलती है जिसका जितना आंचल होता है ..अगर आपको फूल नहीं मिल पा रहे है तो चिंता मत कीजिये ,कांटो की और ही दोस्ती का हाथ बढा दीजिए ..उम्मीद रखिये ,कांटो से भी फूलों तक पहुचने का रास्ता निकलता है .
*हर कीमत पर लोगो की नजरो में रहे ..जो नजर नहीं आता उसका कोई मूल्य नहीं होता .
भीड़ का हिस्सा न बने ,अन्यथा गुमनामी में दफन होकर रह जायेंगे .
*अपने आपको इतना दिलचस्प बनाये कि रौशनी हमेशा आप पर ही रहे ..जो दिखाई नहीं देते उनका अस्तित्व नहीं होता समाज में .
*कल जो हुआ उसे भूल जाइए..समजदार के लिए हर सुबह नई जिन्दगी लेकर आती है.
*कठिनाइयों से मत घबराइए ..जो डंक से डरते है ..वे शहद का आनंद पाने के योग्य नहीं होते .
*गरीब घर में पैदा हुए है तो खुद को हीन मत समझिए राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी गरीब घर में ही पैदा हुए थे ..अंग्रेजी नहीं आती तो चिंता मत कीजिये लालू प्रसाद यादव को भी अंग्रेजी नहीं आती ...अगर नोकरी करते है तो धीरज मत खोइए धीरू भाई अंबानी भी कभी नोकरी ही करते थे .
Thursday, 19 May 2016
सफल जीवन के सीक्रेट
सफलता सबका सपना है और अपने सपने को पूरा कर लेना ही इंसान कि सबसे बड़ी सफलता है .
सफलता के मायने केवल इतने नहीं कि व्यक्ति अपने करियर कि ऊंचाई छुए बल्कि सफलता के सच्चे मायने है जीवन को चहु और से सुखी और खुशहाल बनाये .
पैसा खुशहाली का पहला पायदान है , पर पैसे से दुनिया कि हर खुशी नहीं पाई जा सकती और न ही खरीदी जा सकती है .
जीवन में खुशहाली तभी पाई जा सकती है जब हम भौतिक रूप से समृद्ध हो ,मानसिक रूप से प्रसन्न और संतुष्ट हो ,पारिवारिक दृष्टि में सब में प्रेम हो साथ हो ,सामाजिक दृष्टि से जानता के बीच इज्जत हो और अध्यात्मिक दृष्टि से हम नैतिक और परोपकार के काम करते रहे .
इसलिए कुछ बाते है जो आपसे साझा कर रहे है जिनसे जीवन में एक चमत्कार ला सकते है ,जो हमारे जीवन को सुख सफलता और समृधि के खजाने से भर सकता है ...
सफलता के लिए हार्ड वर्क कि नहीं बल्कि शार्प और स्मार्ट वर्क कि जरूरत है .
हार्ड वर्क इंसान को मजदुर बनाता है जबकि शार्प और स्मार्ट वर्क सफलता के रास्ते खोलता है .
लोहे का काम करके भी कोई आदमी दुनिया में टाटा बन सकता है और जूते का काम करके भी कोई व्यक्ति बाटा बन सकता है ....तो फिर हम हताश क्यों बेठे ..?
आखिर कील हथोडी से ही ठुकेगी , तकिये से कभी नहीं .
ये बाते बिल्कुल छोटी छोटी सी है और छोटी छोटी बाते जीवन में अपनाने पर बड़े बड़े कमाल कर जायेगी ...
जरुरत है तो खुद को काम में झोकने कि ...
और मन को साधने कि ...
और मन सधता है प्रयास से निरंतर प्रयास से ..
इसलिए प्रयास करते रहे सफलता अवश्य मिलेगी...:)
सफलता के मायने केवल इतने नहीं कि व्यक्ति अपने करियर कि ऊंचाई छुए बल्कि सफलता के सच्चे मायने है जीवन को चहु और से सुखी और खुशहाल बनाये .
पैसा खुशहाली का पहला पायदान है , पर पैसे से दुनिया कि हर खुशी नहीं पाई जा सकती और न ही खरीदी जा सकती है .
जीवन में खुशहाली तभी पाई जा सकती है जब हम भौतिक रूप से समृद्ध हो ,मानसिक रूप से प्रसन्न और संतुष्ट हो ,पारिवारिक दृष्टि में सब में प्रेम हो साथ हो ,सामाजिक दृष्टि से जानता के बीच इज्जत हो और अध्यात्मिक दृष्टि से हम नैतिक और परोपकार के काम करते रहे .
इसलिए कुछ बाते है जो आपसे साझा कर रहे है जिनसे जीवन में एक चमत्कार ला सकते है ,जो हमारे जीवन को सुख सफलता और समृधि के खजाने से भर सकता है ...
सफलता के लिए हार्ड वर्क कि नहीं बल्कि शार्प और स्मार्ट वर्क कि जरूरत है .
हार्ड वर्क इंसान को मजदुर बनाता है जबकि शार्प और स्मार्ट वर्क सफलता के रास्ते खोलता है .
लोहे का काम करके भी कोई आदमी दुनिया में टाटा बन सकता है और जूते का काम करके भी कोई व्यक्ति बाटा बन सकता है ....तो फिर हम हताश क्यों बेठे ..?
आखिर कील हथोडी से ही ठुकेगी , तकिये से कभी नहीं .
ये बाते बिल्कुल छोटी छोटी सी है और छोटी छोटी बाते जीवन में अपनाने पर बड़े बड़े कमाल कर जायेगी ...
जरुरत है तो खुद को काम में झोकने कि ...
और मन को साधने कि ...
और मन सधता है प्रयास से निरंतर प्रयास से ..
इसलिए प्रयास करते रहे सफलता अवश्य मिलेगी...:)
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