जीवन मे सफल होने के लिए जरुरी है खुद पर विश्वास .
हम मे से बहुत से लोग ऐसे है जो कद मे छोटे है ,रंग से काले है, दुबले पतले है और उन मे से अधिकतर ये सोचते है की मे इतना छोटा सा हू इतना काला सा हू मे भला क्या कर सकता हू क्या कर सकूंगा ....
मन मे एक हिन् भावना सी होती है स्वयं को लेके .
अगर आपको भी ऐसे जोई मन मे विचार है तो सब से पहले अपने इस प्रकार के नेक विचारों को दिमाग से नौ दो ग्यारह करिये .
ऐसे विचारों की हमारे जीवन मे कोई जगह नहीं है .
हम बात करते है अपने ही जेसे कुछ ऐसे लोगो की जो भी छोटे और काले और सुन्दर नहीं थे पर उन्होंने अपने इच्छा शक्ति के बलबूते जो कर दिखाया वो बहुत से रूपवान भी नि कर सकते .
उनमे से एक शक्श है सचिन तेंदुलकर अब शायद इनके परिचय की तो जरुरत नहीं की सचिन तेंदुलकर कौन है ..?
सचिन तेंदुलकर कद मे बहुत ही छोटे इंसान दिखने मे भी ठीक ठाक लेकिन उनके अंदर का जूनून होंसला और आत्म विश्वास ने उसे वो बना दिया जो हर कोई नि सोच सकता .
अगर सचिन ये सोच कर बचपन से घर मे बेठ जाते की क्रिकेट मे तो लंबे लोगो का ही नंबर आता है लंबे लोग ही सफल होते है तो आज वो वहा नहीं होते जिस मुकाम पर अभी है .
उन्होंने कभी इस बात को अपने मन मे नहीं आने दिया की वो छोटे कद के है ..
उन्होंने बस अपनी मेहनत जारी राखी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहे ना दिन देखा ना रात हमेशा प्रक्टिस करते रहते और उन्ही लगातार प्रयासों का नतीजा है वर्तमान के सचिन .
जो कोई यह सोचता है की मे गरीब घर मे पैदा हुआ हू मे केसे कुछ कर पाऊंगा तो आपको ये बता दे की हमारे देश के सबसे गरिमा पूर्ण राष्ट्रपति डॉक्टर कलाम सर भी गरीब घर मे पैदा हुए थे लेकिन अपनी मेहनत अपने होंसले से उन्होंने जो मुकाम हासिल किया वो असंभव को संभव करने वाली बात थी .
गरीब घर मे पैदा होने गुनाह नहीं है लेकिन अपने मन को गरीब बना लेना अवश्य अपराध है .
बात है हमारे काम करने की ताकत से ,अगर हम निट्ठले बेठे रहे तो केसे कोई गरीबी से आगे बढ़ेगा .
शेर भी अगर अपनी गुफा मे बेठे रहे तो भूखे मर जाएगा ,वो जंगल का राजा होता है पर फिर भी उसे शिकार करने को अपनी गुफा से बाहर जाना पड़ता है मेहनत करनी पड़ती है तब जा कर उसे शिकार मिलता है .
जीवन मे बस संगर्ष चाहए ,केवल जज्बा चाहए क्यूंकि रंग रूप के कारण कोई व्यक्ति आगे नहीं बढ़ता .
आदमी के कर्म पुरुषार्थ मेहनत ही उसे आगे बढाती है .
हो सकता है आज आप केवल नौकरी कर रहे हो .
रिलायंस कंपनी के मालिक धीरू भाई अम्बानी भी कभी नोकरी ही करते थे ,लेकिन उन्होंने अपनी जिन्दगी को नोकरी तक सिमटने न् दिया .
अगर आप पढ़े लिखे इंसान है ,तो हम कहना चाहेंगे ,अपने घर को गरीब मत रहने दो .नई कामयाबियो को हासिल करो ,नई सफलताओ को हासिल करो और वो सब संभव है आपकी मेहनत पर .
" जो चले सो चरे " जो चलेगा सो चरेगा ,जो बेठा रहेगा भूखा मरेगा .
जो चलता रहेगा वो कही न कही अवश्य पहुचेगा .
करते रहो, करते रहो, करते रहो मेहनत....
सच्चाई तो यह है की रस्सी भी लगातार पत्थर पर चलती रहेगी तो ,पत्थर पत्थर ना रहेगा पत्थर भी घिस जायेगा वह भी गोल होकर शिव लिंग हो जाएगा .
तो मुन्ना भाई लगे रहो लगन से .
निरंतर अभ्यास से कठिन से कठिन वस्तु भी सहज सरल बन जाती है :) .मोनु एस जैन (MONU S JAIN )
हम मे से बहुत से लोग ऐसे है जो कद मे छोटे है ,रंग से काले है, दुबले पतले है और उन मे से अधिकतर ये सोचते है की मे इतना छोटा सा हू इतना काला सा हू मे भला क्या कर सकता हू क्या कर सकूंगा ....
मन मे एक हिन् भावना सी होती है स्वयं को लेके .
अगर आपको भी ऐसे जोई मन मे विचार है तो सब से पहले अपने इस प्रकार के नेक विचारों को दिमाग से नौ दो ग्यारह करिये .
ऐसे विचारों की हमारे जीवन मे कोई जगह नहीं है .
हम बात करते है अपने ही जेसे कुछ ऐसे लोगो की जो भी छोटे और काले और सुन्दर नहीं थे पर उन्होंने अपने इच्छा शक्ति के बलबूते जो कर दिखाया वो बहुत से रूपवान भी नि कर सकते .
उनमे से एक शक्श है सचिन तेंदुलकर अब शायद इनके परिचय की तो जरुरत नहीं की सचिन तेंदुलकर कौन है ..?
सचिन तेंदुलकर कद मे बहुत ही छोटे इंसान दिखने मे भी ठीक ठाक लेकिन उनके अंदर का जूनून होंसला और आत्म विश्वास ने उसे वो बना दिया जो हर कोई नि सोच सकता .
अगर सचिन ये सोच कर बचपन से घर मे बेठ जाते की क्रिकेट मे तो लंबे लोगो का ही नंबर आता है लंबे लोग ही सफल होते है तो आज वो वहा नहीं होते जिस मुकाम पर अभी है .
उन्होंने कभी इस बात को अपने मन मे नहीं आने दिया की वो छोटे कद के है ..
उन्होंने बस अपनी मेहनत जारी राखी अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहे ना दिन देखा ना रात हमेशा प्रक्टिस करते रहते और उन्ही लगातार प्रयासों का नतीजा है वर्तमान के सचिन .
जो कोई यह सोचता है की मे गरीब घर मे पैदा हुआ हू मे केसे कुछ कर पाऊंगा तो आपको ये बता दे की हमारे देश के सबसे गरिमा पूर्ण राष्ट्रपति डॉक्टर कलाम सर भी गरीब घर मे पैदा हुए थे लेकिन अपनी मेहनत अपने होंसले से उन्होंने जो मुकाम हासिल किया वो असंभव को संभव करने वाली बात थी .
गरीब घर मे पैदा होने गुनाह नहीं है लेकिन अपने मन को गरीब बना लेना अवश्य अपराध है .
बात है हमारे काम करने की ताकत से ,अगर हम निट्ठले बेठे रहे तो केसे कोई गरीबी से आगे बढ़ेगा .
शेर भी अगर अपनी गुफा मे बेठे रहे तो भूखे मर जाएगा ,वो जंगल का राजा होता है पर फिर भी उसे शिकार करने को अपनी गुफा से बाहर जाना पड़ता है मेहनत करनी पड़ती है तब जा कर उसे शिकार मिलता है .
जीवन मे बस संगर्ष चाहए ,केवल जज्बा चाहए क्यूंकि रंग रूप के कारण कोई व्यक्ति आगे नहीं बढ़ता .
आदमी के कर्म पुरुषार्थ मेहनत ही उसे आगे बढाती है .
हो सकता है आज आप केवल नौकरी कर रहे हो .
रिलायंस कंपनी के मालिक धीरू भाई अम्बानी भी कभी नोकरी ही करते थे ,लेकिन उन्होंने अपनी जिन्दगी को नोकरी तक सिमटने न् दिया .
अगर आप पढ़े लिखे इंसान है ,तो हम कहना चाहेंगे ,अपने घर को गरीब मत रहने दो .नई कामयाबियो को हासिल करो ,नई सफलताओ को हासिल करो और वो सब संभव है आपकी मेहनत पर .
" जो चले सो चरे " जो चलेगा सो चरेगा ,जो बेठा रहेगा भूखा मरेगा .
जो चलता रहेगा वो कही न कही अवश्य पहुचेगा .
करते रहो, करते रहो, करते रहो मेहनत....
सच्चाई तो यह है की रस्सी भी लगातार पत्थर पर चलती रहेगी तो ,पत्थर पत्थर ना रहेगा पत्थर भी घिस जायेगा वह भी गोल होकर शिव लिंग हो जाएगा .
तो मुन्ना भाई लगे रहो लगन से .
निरंतर अभ्यास से कठिन से कठिन वस्तु भी सहज सरल बन जाती है :) .मोनु एस जैन (MONU S JAIN )
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