Saturday, 27 June 2015

संगीत और हम

हम सब को गाने सुनने का बड़ा शोक होता है चाहे वो कोई भी क्यों न हो दादा दादी मम्मी पापा बच्चे सब लोग संगीत से एक खास किस्म का जुडाव रखते है .
शायद ही कोई ऐसा होगा जिसे संगीत से लगाव न हो .
हर उम्र के व्यक्ति को गाने सुनना पसंद होता है दादा दादी अपने ज़माने के पुराने गाने पसंद करते हो या फिर भगवान के भजन उन्हें आनंद देते हो पर पसंद तो होते है .
आज कल के छोटे बच्चे  कह लो या यूथ कह लीजिए सब लोग यो यो हनी सिंह को सुनना पसंद करते है :)
वही कुछ लवर टाइप के यूथ को सोफ्ट सोंग्स रोमांटिक सोंग्स पसंद होते है .
हमारे कहने का तात्पर्य है की सब केसे न केसे कर के संगीत से जुड़े तो होते ही है .

और इन्ही गानों मे से कुछ ऐसे भी गाने होते है जो आपके जीवन मे एक नई जान डालने की ताकत रखते है उनके शब्द ऐसे होते है जो एक अलग ही उर्जा से भरे होते है .
जब हम कभी जीवन मे निराश हो जाए या उदास हो जाए तो अक्सर  सब सेड सोंग सुनने बेठ जाते है .
एक तो हम पहले से दुखी होते है और जब ऐसे ही  दुखी गानों को सुनते है तो दिमाग काम करना बंद ही कर देता है तो जी  सेड सोंग कम सुनिए और कुछ उत्साह वाले गाने सुनिए मूड भी अच्छा हो जायेगा और नया जोश भरेगा वो अलग  .

इसलिए जब भी दिल उदास हो थोडा सा हताश हो निराश हो तब अगर आपको लगे तो ये गाना जरुर सुनियेगा  एक फिल्म आई "लिंगा" रजनीकांत साहब की ...
उसका एक गाना है बड़ा ही प्यारा और शानदार सुन के मजा आ जाए फिर से आप उत्साह से भर जाए ऐसा लिखा है लिखने वाले ने...

 दिन डूबा है रात हुयी 

 पर दिन फिर निकलेगा 
 दिल थोडा ना करना 
 अँधेरा भी पिग्लेगा पिगलेगा
 छुप जाए जब तारे 
 चाँद भी आँख चुरा ले तो 
 तू यूँ ही चलते रहना 
.बंजारे बंजारे बंजारे 
..ओ बंजारे बंजारे 

 सुबह से मिलने को 

 रात भर गर चलना पड़े 
 ओ राही रुकना नहीं 
 सुबह दूर नहीं 

 रुकना नहीं थकना नहीं दर्द से तू डरना नहीं 

दर्द सदा रहते नहीं रहते नहीं रे 
 जुल्म से जो रुक जाए 
मिटटी मे छुप जाए 
   वो दरिया बहते नहीं रे 
 जब रात का पर्दा हट जाएगा  
 आकाश चीर के सुबह होगी रे ....


इस गाने को सुन के तो एक जबरदस्त उर्जा मिल जाती है .
कभी अपने गानों के बीच ऐसे गानों के लिए भी वक्त निकालिए मजा आ जायेगा यकीं मानिए ....मोनु एस जैन (MONU S JAIN )

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