आपने रहीम दास जी का ये दोहा पढ़ा होगा -
"रहिमन धीरे रे मना ,धीरे सब कुछ होय ,
माली सींचे सौ घड़ा ,ऋतू आये फल होय "
सफल होने के लिए आपमें धैर्य का गुण होना बहुत जरुरी है .
सफल होने के लिए और किसी प्रतियोगी परीक्षा मे चयन होने मे समय लग सकता है .
और अगर आप आईएस जेसी परीक्षा की तैयारी मे लगे है तो कई साल भी लग जाते है .
अतः धेर्य रखने की जरुरत है .आपके प्रयास चलते रहने चाहए .
अभी आपने परीक्षा की तैयारी शुरू की है तो इस क्षेत्र मे आप एक प्रकार से नए परिंदे हो ,अतः आपको उड़ने मे वक्त तो लगेगा .
कोशिश करने का मतलब ही यह है की आहिस्ता आहिस्ता कछुए की चाल से , गंभीरता से सब कुछ समजते हुए तैयारी मे लगे रहो .
उतावलेपन से आज तक किसी को सफलता नहीं मिली है .
एक छोटा सा बीज भी मौसम अनुकूल होने पर या समय आने पर ही अंकुरित होता है अतः कोशिश करना एक दिन का काम नहीं है .
धैर्य के साथ ,साहस के साथ,अपनी पूरी ताकत के साथ और गंभीरता के साथ की गई कोशिस ही कामयाब होती है .
हां यदि आप कड़ी मेहनत के द्वारा चाहे तो वक्त को कम कर सकते है .
फिर भी धैर्य तो रखना पड़ेगा ...और धैर्य रखिये आपको सफलता अवश्य मिलेगी .
सफलता तभी मिलती है जब मनुष्य उए पाना चाहता है ..
कहा भी गया है --जिन खोजा तीन पाईयां ,गहरे पानी ,पैठ.
जो चाहते हो वो सब मिलेगा धैर्य के साथ कोशिश करते रहिये असंभव तो कुछ भी नहीं :) .मोनु एस जैन (MONU S JAIN )
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