Tuesday, 30 June 2015

सफलता का भाव रखो

हमारा दिमाग विचारों की फैक्ट्री है ..जेसा हम सोचते है वेसा परिणाम सामने आता है .
अच्छा सोचोगे तो अच्छा मिलेगा ,बुरा सोचोगे तो बुरा मिलेगा .
सफलता के बारे मे सोचने से ही सफलता मिलती है और असफलता के बारेमे सोचने से हार ही मिलती है .
जैसा कच्चा  माल डालोगे उसी के अनुसार तो पक्का माल निकलेगा .
जेसा खुद मे रिजर्व करोगे वेसा ही डिजर्व करोगे .

जब तक आपके अंदर सफलता का भाव पैदा नहीं होगा तब तक सफलता बहुत मुश्किल होगी .
जो व्यक्ति जिस वस्तु  को जिस भाव से ग्रहण करता है ,उसे वह उसी भाव से प्राप्त होती है.
वैसे तो संयम,ज्ञान और श्रद्धा को जीव का सबसे बड़ा धन माना गया है ...लेकिन उस से भी बड़ा धन "भाव" को माना गया है ...:) .मोनु एस जैन (MONU S JAIN )
कहते है सफलता का भी अपना कानून होता है ..जेसे -
\
IF YOU THINK YOU ARE BEATEN, YOU ARE.
IF YOU THINK YOU DARE NOT, YOU DO NOT.
IF YOU LIKE TO WIN, BUT YOU THINK YOU CAN NOT..
IT IS ALMOST CERTAIN YOU WOULD NOT.
IF YOU THINK YOU WILL LOSE, YOU HAVE LOST.
FOR OUT OF THE WORLD WE FIND
SUCCESS BEGINS WITH A FELLOW'S WILL.
SOONER OR LATER THE MAN WHO WINS.
IS THE MAN WHO THINK ,HE CAN.

आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हो तो अपने अंदर के भाव को जगाओ.
यदि अंदर का भाव जग गया तो हर परीक्षा मे जीवन के हर इम्तेहान मे सफलता निश्चित है.
आप तभी तक सफल माने जाओगे जब तक आपके अंदर सफलता का भाव रहेगा .
अतः जीवन मे सफल होने के लिए अपनी श्रधा ,अपनी भावना और दृढ़ता को बनाये रखो .

No comments:

Post a Comment