कभी कभी कविताएं भी पढ़ लेनी चाहए ..
कुछ कवियों ने तो इतना उम्दा लिखा होता है की बस दिल खुश हो जाता है ..
उनमे से ही एक कविता जो अपने को बड़ी पसंद है आज आपके साथ भी शेयर करने का मन करा
जब अच्छी अच्छी फील आती है तो सबको आये सब का मन खुश हो ...
तो जी हाजिर है ये कविता ...
माफ़ी चाहेंगे हम कवि का नाम भूल गए ....मोनु एस जैन (MONU S JAIN )
कुछ कवियों ने तो इतना उम्दा लिखा होता है की बस दिल खुश हो जाता है ..
उनमे से ही एक कविता जो अपने को बड़ी पसंद है आज आपके साथ भी शेयर करने का मन करा
जब अच्छी अच्छी फील आती है तो सबको आये सब का मन खुश हो ...
तो जी हाजिर है ये कविता ...
माफ़ी चाहेंगे हम कवि का नाम भूल गए ....मोनु एस जैन (MONU S JAIN )
---दीवानों की हस्ती ---
हम दीवानों की क्या हस्ती
है आज यहाँ ,कल वहा चले
मस्ती का आलम साथ चला
हम धुल उड़ाते जहा चले .
आये बनकर उल्लास अभी
आंसू बनकर बह चले अभी
सब कहते ही रह गए अरे
तुम केसे आये ,कहा चले .
किस और चले ? यह मत पूछो
चलना है बस इसलिए चले
जग से उसका कुछ लिए चले
जग को अपना कुछ दिए चले .
दो बात कही दो बात सुनी
कुछ हँसे और फिर कुछ रोये
छक कर सुख दुःख के गुंट को
हम एक भाव से पिए चले
हम भिखमंगो की दुनिया मे
स्वछन्द लुटा कर प्यार चले
हम एक निशानी सी उर पर
ले सबका प्यार चले
अब अपना और पराया क्या
आबाद रहे रुकने वाले
हम स्वयं बंधे थे और स्वयं
हम अपने बंधन तोड़ चले .

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