1-केवल साँसों के चलने से जीवन नहीं चला करता ...जीवन के लिए शांति ,शक्ति और सफलता की मनोदशा भी जरुरी है .
2-लगातार टिक टिक करती घडी हमें इस बात के लिए आगाह कर रही है की जीवन का काँटा कही अटकने के लिए नहीं ,सफलता के रास्ते पर मनोयोगपूर्वक निरंतर श्रम और संगर्ष करने के लिए है .
3-जीवन मे बाधाओ की चाहे सड़क पार करनी हो या रेल की पटरी ,धेर्य और साहस का दामन कभी मत छोडिये .
4-समजदारी की देहलीज पर कदम रखते ही दिल मे लक्ष्य का चिराग जला लिया जाए तो इस से आप अपनी सात पीढ़ी के लिए रौशनी के कई रास्ते खोल सकते है .
5-हर बचपन का बुढ़ापा होता है और हर कार्य की मंजिल ..अपने उत्साह और उमंग को सदा अपनी आँखों मे बसाकर रखिये ताकि बुढ़ापा और मंजिल सदा तारो तजा रहे .
6-अपने मनोबल को पंगु होने से बचाइए ..आप शरीर मे अपंग होकर भी अष्टावक्र की तरह सम्पूर्णता का सामर्थ्य अर्जित कर लेंगे .
7-जीवन मे प्रसन्नता का पेड लगाइए ..उसकी डाल पर चेह्चाने के लिए रंग बिरंगी चिड़िया और मिठास बढ़ाने के लिए खूबसूरत फल अपने आप आ जायेंगे ..:) .मोनु एस जैन (MONU S JAIN )
2-लगातार टिक टिक करती घडी हमें इस बात के लिए आगाह कर रही है की जीवन का काँटा कही अटकने के लिए नहीं ,सफलता के रास्ते पर मनोयोगपूर्वक निरंतर श्रम और संगर्ष करने के लिए है .
3-जीवन मे बाधाओ की चाहे सड़क पार करनी हो या रेल की पटरी ,धेर्य और साहस का दामन कभी मत छोडिये .
4-समजदारी की देहलीज पर कदम रखते ही दिल मे लक्ष्य का चिराग जला लिया जाए तो इस से आप अपनी सात पीढ़ी के लिए रौशनी के कई रास्ते खोल सकते है .
5-हर बचपन का बुढ़ापा होता है और हर कार्य की मंजिल ..अपने उत्साह और उमंग को सदा अपनी आँखों मे बसाकर रखिये ताकि बुढ़ापा और मंजिल सदा तारो तजा रहे .
6-अपने मनोबल को पंगु होने से बचाइए ..आप शरीर मे अपंग होकर भी अष्टावक्र की तरह सम्पूर्णता का सामर्थ्य अर्जित कर लेंगे .
7-जीवन मे प्रसन्नता का पेड लगाइए ..उसकी डाल पर चेह्चाने के लिए रंग बिरंगी चिड़िया और मिठास बढ़ाने के लिए खूबसूरत फल अपने आप आ जायेंगे ..:) .मोनु एस जैन (MONU S JAIN )
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