Friday, 26 June 2015

सतत परिवर्तन का नाम जीवन

हम मे से हर इंसान का स्वभाव ही कुछ ऐसा होता है की परिवर्तन को समज पाना और उसे स्वीकार कर पाना बहुत मुश्किल सा लगता है .
परन्तु हकीकत तो ये है की बदलाव के साथ चल कर ही हम खुद को मजूबत बना सकते है और स्वयं के जीवन को मजबूती दे सकते है .
पता है केवल कब्र ही एक ऐसे जगह है जहा इंसान के लिए किसी बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं होती .
परिवर्तन तो जीवन का अपरिहार्य नियम है ...और इसे प्रत्येक इंसान जितना जल्दी समज जाए उतना उनका जीवन आसान हो जाता है .
क्यूंकि हम चाहे या न चाहे बदलाव तो होगा ही .
एक कठोर सत्य यह है की वक्त के साथ ना बदलने वाले कही पीछे छूट जाते है .
सौभाग्य न केवल वीरो का साथ देता है बल्कि उनका भी साथ देता है जो किसी भी नए बदलाव के लिए तैयार होते है .
पता है बहुत से लोग ऐसे होते है जो किसी भी प्रकार के बदलाव को सहन नहीं कर सकते उन्हें ये लगता है की अभी जो है वो बेहतर है अगर चीजों मे बदलाव किया तो वो बदतर हो जायेंगी ...
लेकिन ऐसा होता नहीं पहले टाइप रायटर हुआ करते थे जब कंप्यूटर आये तो कुछ ने उनका भी विरोध किया पर आज हम जानते है की कंप्यूटर से चीजे कितनी सरल हो गई.
अगर ये बदलाव न स्वीकार किया होता तो आज भी हम उसी टाइप रायटर पे होते .

बहुत सी चीजे होती है जिन्हें हम बदल नहीं सकते तो अपने मन के सुकून के लिए हमें उनके प्रति अपनी सोच बदल देनी चाहए .
हमारा जीवन वेसा ही बनता है जेसा हमारी सोच इसे बनाती है .
यदि आप प्रतियोगी दुनिया से स्वयं को अलग रखना चाहते है तो आपको किसी बदलाव की आवश्यकता नहीं परन्तु यदि आप चाहते है इस दुनिया मे खुद को साबित करना ,आप चाहते की इन प्रतियोगी परिक्षाओ मे आप सफल हो तो आपको अपने जीवन को बदलना होगा .
परिवर्तन की जरुरत है और करना पड़ेगा खुद मे बदलाव अगर सफलता चाहते है तो .
अपनी पुरानी आदते छोडनी पड़ेगी अगर आपको आदत है सुबह मे देर से उठने की तो आदत आपको बदलनी पड़ेगी आपको जल्दी उठने की आदत डालनी होगी .
अगर आपको आदत है इधर उधर घूमने की तो सब आपको छोडना पड़ेगा आपने लक्ष्य को पाने के लिए .
बदलाव तो करना पड़ेगा अभी बदलाव आपको थोडा तकलीफ देने वाला लगेगा पर जब सफलता मिलेगी तो महसूस होगा की नहीं बदलाव तो जरुरी है जीवन मे अगर आगे बढ़ना है चाहे उसे हम जीवन के किसी भी क्षेत्र से जोड़े .

हम मनचाहे स्थान पर पहुचने के लिए जो कीमत अदा करते है ,हमारा जीवन उसी के अनुसार बनता है .
वे व्यक्ति अथवा वृक्ष ही जीवित रह पाते है जो प्रतिकूल परिस्थितियों मे भी स्वयं को ढालने की क्षमता रखते है .

बेहतर के लिए बदलाव चाहते है तो आपको वर्तमान से असंतुष्ट होना ही होगा .
कड़ी मेहनत से जीवन की हर ऊँचाई आप पा लोगे :)

इसलिए जिसके साथ जेसा भी माहोल हो स्वयं को ढालते चले और अपने लक्ष्य पे निगाह रहे बस .
लक्ष्य मिलेगा तो माहोल खुद ब खुद आपके हिसाब से बन जाएगा फिर :)
 .मोनु एस जैन (MONU S JAIN )

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